Issue 48 – पशु स्वास्थ्य शिविर


बड़वाह महिला प्रगति समिति के कार्य-क्षेत्र में ‘पशुधन कार्यक्रम’ की टीम द्वारा पशु स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन चल रहा है । एक शिविर में लगभग 100 पशु एकत्रित होते हैं, जिनमें छोटे-बड़े दोनों प्रकार के पशुओं का निःशुल्क उपचार और टीकाकरण किया जाता है । शिविर में पशुओं की देखभाल और खान-पान को लेकर भी चर्चा की जाती है, साथ ही बकरा-बकरी (छोटे पशु) के वज़न व वृद्धि का महत्व भी समझाया जाता है । पशुओं के लिए ज़रूरत के हिसाब से सारी दवाइयां भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं।

शिविर की व्यवस्था और जिस गांव में शिविर लगाना होता है वहां के लोगों को सूचित करना ‘पशुधन कार्यक्रम’ के “पेरावेट” टीम की ज़िम्मेदारी होती है । यह टीम स्थानीय क्षेत्र की ही होती है, और इसके कार्यकर्ता पशु चिकित्सा की ट्रेनिंग लिए हुए होते हैं । गांव के लोगों के पशुओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखना इनकी मुख्य ज़िम्मेदारी होती है । “पेरावेट” टीम मोटरसाइकलों पर जा-जाकर स्वास्थ्य शिविर की सूचना लोगों तक पहुंचाते हैं, और जहां रास्ते ख़राब हों, ​वहां पैदल जाकर जानकारी देते हैं ताकि शिविर में ज़्यादा से ज़्यादा पशुओं का उपचार हो सके ।  

सूचना मिलने के बाद जिस दिन गांव में शिविर होता है उस दिन लोग अपने मवेशियों को जंगल चराने नहीं ले जाते, ताकि अपने सारे पशुओं का टीकाकरण और उपचार करवा सकें, क्योंकि किसी एक जगह साल में एक ही बार शिविर लगाया जाता है । इस साल जनवरी से फ़रवरी के बीच बड़वाह के 12 गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगाए जा चुके हैं, जिनके दौरान लगभग 2080 पशुओं को निःशुल्क उपचार और टीकाकरण का लाभ दिया गया । मई के अंत तक 25 स्वास्थ्य शिविर पूरा करने का लक्ष्य है ।

गांव के लोगों को अपने मवेशियों के उपचार के लिए यहां-वहां भटकना न पड़े, व किसानों के पशु स्वस्थ और सुरक्षित रहें, ये पशु स्वास्थ्य शिविर के दो मुख्य उद्देश्य हैं । गांव में ही मवेशियों को निःशुल्क टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य-संबधी सेवाएं उपलब्ध करवाने से पशुओं की बीमारियों की रोकथाम हो सकेगी, और मृत्यु दर में भी कमी आ सकेगी ।

छायांकन: रोशनी चौहान और अजहर आलम

लेखन: अजहर आलम

संपादन: रोशनी चौहान


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