Issue 51 – मनरेगा मजदूरी पाने के लिए कलेक्टर को रोका


बागली से क़रीब 12 कि.मी. दूर ग्राम पंचायत डांगराखेड़ा है l इस पंचायत में तीन गांव आते हैं – बोरी, बजरंगढ़ और डांगराखेड़ा, जिनमें गरीब आदिवासी परिवार निवास करते हैं l अपने जीवनयापन के लिए ये खेतों में मजदूरी करते हैं, या फिर काम की तलाश में गुजरात, महाराष्ट्र के लिये पलायन l

डांगराखेड़ा गांव में समाज प्रगति सहयोग के ‘प्रात्रता स्वास्थ्य एवं पोषण’ कार्यक्रम की टीम ने रोज़गार दिवस की मासिक मीटिंग में गांव की समस्याओं को लेकर जब चर्चा की, गांव के लोगों ने कहा कि वे खेती में थोड़ा-बहुत काम कर लेते हैं l उसके अलावा गांव में कोई दूसरा काम-धंधा नहीं है l तब इस कार्यक्रम के प्रोग्राम सीनियर मितान, धर्मेन्द्र झिलोरिया ने बताया, कि आप पंचायत में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा योजना) के अंतर्गत आवेदन देकर काम की मांग कर सकते हैं l एक जॉब कार्ड पर सालाना 100 दिन का काम मिलेगा, जिसकी मजदूरी रु. 221 प्रति दिन के हिसाब से दी जाएगी l गांव वालों को धर्मेन्द्र की बात समझ मे आई और उन्होंने मीटिंग में ही आवेदन-पत्र तैयार करके पंचायत में रोज़गार सहायक सचिव के पास जमा करा दिया l

आवेदन के पश्चात नवंबर 2023 में मनरेगा योजना के तहत डांगराखेड़ा पंचायत में जंगल में कंटूर ट्रेन्च खोदने का कार्य चालू किया गया, जिसमें कुल 15 मजदूर काम के लिए आए l गांव में काम मिल जाने के कारण मजदूर काफ़ी ख़ुश थे, कि अब उन्हें परिवार चलाने के लिए कहीं बाहरगांव नहीं जाना पड़ेगा, और अपने परिवारों के साथ रहकर काम कर सकेंगे, लेकिन एक-दो हफ़्ते बीत जाने पर भी जब मजदूरी के पैसे नहीं मिले तो मजदूरों ने धर्मेन्द्र झिलोरिया के साथ पंचायत में जाकर सचिव से बात की l सचिव ने कहा कि ऊपर से पैसा रुका हुआ है, लेकिन एक हफ़्ते के अन्दर-अन्दर आपके खाते में पैसा आ जाएगा l परन्तु दो महीने बीत जाने के बाद भी जब मजदूरों के खातों में पैसा नहीं आया तो उन सबने काम बंद कर दिया l

धर्मेन्द्र ने मजदूरों को विश्वास दिलाया कि आपकी मजदूरी का भुगतान आपके खाते में आ जाएगा, आप काम बंद न करें l इस समस्या को लेकर धर्मेन्द्र और मजदूर जनपद पंचायत बागली जाने की योजना बना रहे थे, कि उनको संस्था के कार्यकर्ता द्वारा पता चला कि डांगराखेड़ा पंचायत में कलेक्टर साहब का दौरा होने जा रहा है l क्यों ना हम अपनी समस्या से सीधे उन्हीं को अवगत कराएं ?

फरवरी 2024 को डांगराखेड़ा पंचायत के बोरी गांव की चौपाल में कलेक्टर साहब के द्वारा मीटिंग का आयोजन किया गया, जिसमें तीन गांवों के हिस्सेदारी सभा के सदस्य भी उपस्थित थे l कलेक्टर साहब ने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार, कृषि कार्य और गांव से जुड़ी समस्याओं को लेकर समुदाय के लोगों से चर्चा की l कार्यक्रम ख़त्म होने के बाद वे बागली के लिए निकले थे, कि रास्ते में मजदूरों ने उनको रोका और अपनी समस्या के बारे में अवगत कराया l कलेक्टर साहब ने मजदूरों से चर्चा कर उन्हें आश्वाशन दिया कि आपकी मजदूरी का पूरा भुगतान जल्द से जल्द होगा, और आगे आपको इस तरह की समस्या न हो, इसकी भी मैं व्यवस्था ​कर दूंगा l

कुछ ही दिन बाद, मार्च माह में, मजदूरों के खातों में रुकी हुई राशि आनी शुरू हो गई, जो उस समय तक कुल मिलाकर रु. 1,59,120 तक हो चुकी थी l

लेखन: इकबाल हुसैन

स्रोत और छायांकन: धर्मेंद्र झिलोरिया


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