ग्राम पंचायत बाईजगवाडा में वन रेंज कार्यालय के सामने स्थित बीज मोहल्ले में लोग सड़क को लेकर बहुत परेशान थे। गांव की कच्ची सड़क पर गड्ढों और बारिश में कीचड़ के कारण वहां रहने वाले लोगों को, ख़ासकर बच्चों को स्कूल जाने में और महिलाओं को वहां से गुज़रने में, काफ़ी परेशानी आती थी ।बाईजगवाडा गांव कांटाफोड़ प्रगति समिति के कार्यक्षेत्र सतवास में आता है, जहां पर पात्रता स्वास्थ एवं पोषण कार्यक्रम के कार्यकर्ता हिस्सेदारी सभा[i] की बैठक का आयोजन प्रति माह करते हैं । ऐसी ही एक बैठक के दौरान ख़राब सड़क की समस्या सामने आई । महिला सदस्यों ने बैठक संचालक ममता देवड़ा से इसके समाधान के लिए मदद मांगी । ममता ने बताया कि सड़क निर्माण की ज़िम्मेदारी ग्राम पंचायत की है । अगर आप सड़क की मरम्मत करवाना चाहते हैं तो सरपंच को एक लिखित आवेदन देना होगा ।
कच्ची सड़क
पिछले दो वर्षों से, हिस्सेदारी सभा में लगातार बैठकों और चर्चाओं के माध्यम से महिलाओं में ग्राम सभा में जाकर अपनी बात रखने की हिम्मत आ गई थी । उन्होंने पेंशन के आवेदन, पात्रता पर्ची और नाली निर्माण जैसी समस्याओं पर आवेदन दिए थे और इनसे जुड़ी समस्याओं को हल किया था । तो सभी सदस्य ग्राम सभा में सड़क की मरम्मत को लेकर अपनी मांग प्रस्तुत करने के लिए सहमत हो गए । ममता देवड़ा की मदद से एक आवेदन तैयार किया गया जिसपर सभी ने हस्ताक्षर किए, या ज़्यादातर ने अंगूठा लगाया, और पिछले साल के अगस्त की ग्राम सभा में सरपंच और मंत्री[i] (पंचायत सचिव) को दे दिया । दिन बीतते गए, किन्तु पंचायत द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई । सरपंच ने उनके आवेदन और तर्कों को अनसुना कर दिया था ।
पंचायत में आवेदन देती हुई महिलाएं
महिलाओं ने इस मुद्दे को हिस्सेदारी सभा में फिर से उठाया और सदस्यों ने सर्वसम्मति से सरपंच और सचिव के साथ पंचायत कार्यालय में मामले को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया । सभा के प्रतिनिधि पंचायत भवन जाते रहे । ऐसे कई फ़ॉलो-अप के बाद, आवेदन देने के क़रीबन तीन महीने बाद गांव में सड़क वाली जगह पर पंचायत द्वारा पत्थर डलवाए गए । लेकिन इसके बाद भी काफ़ी समय तक जब सड़क पर काम शुरू नहीं हुआ, महिलाओं ने हिसेदारी सभा में इस मामले पर फिर से चर्चा की और पंचायत को दूसरा आवेदन देने का निर्णय लिया । ममता की मदद से दूसरा आवेदन तैयार किया गया, जिसे महिलाओं ने इस साल जनवरी में आयोजित ग्राम सभा में जमा किया ।
सड़क बनाते हुए
इस बार महिलाओं ने ग्राम सभा में साफ़-साफ़ कह दिया, “अगर अब भी हमारे मोहल्ले में सड़क नहीं बनी तो हम जनपद पंचायत में जाकर बात करेंगे ।” महिलाओं के दबाव डालने पर सरपंच और सचिव ने उन्हें आश्वासन दिया गया कि जल्द से जल्द सड़क का कार्य चालू कराने की कोशिश करेंगे । लेकिन फिर भी काम शुरू नहीं किया गया, और महिलाओं को पंचायत कार्यालय में कई बार फ़ॉलो-अप करना पड़ा । हिस्सेदारी सभा के सदस्य मोहल्ले की अन्य महिलाओं के साथ दो-तीन बार सरपंच से बात करने पंचायत कार्यालय गए, तब जाकर जून 2024 में बीज मोहल्ले में सड़क का काम शुरू हुआ । आख़िरकार हिस्सेदारी सभा की महिलाओं के निरंतर निवेदन का असर पड़ ही गया । लगभग एक महीने के अंदर सड़क बनकर तेयार हो गई, और उसपर आने-जाने वाले लोग अब बड़ी राहत महसूस कर रहे हैं ।
पक्की सड़क
हिस्सेदारी सभा में नियमित रूप से बैठक करना, अपनी समस्याओं के बारे में चर्चा करना – महिलाएं अब मुश्किलों को हल करने के लिए इन व्यवस्थाओं और तरीक़ों को जानने लगी हैं । सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि महिलाओं ने ग्राम सभा में भाग लेना शुरू कर दिया है, जो एक बड़ी सफलता है । ग्राम सभा पंचायती राज और ग्राम विकास का आधार है, जहां लोगों को स्थानीय शासन में भाग लेने और चर्चा करने का अधिकार है । पंचायत के सभी निर्णय ग्राम सभा के माध्यम से लिए जाते हैं, और ग्राम सभा के निर्देशन और निगरानी के तहत ही पंचायत विकास कार्यक्रमों को लागू करती है । इसलिए ग्राम सभा में अपनी राय रखने से ही ग्राम विकास में कोई भूमिका निभाई जा सकती है और बदलाव लाया जा सकता है ।
[1] ये गांव के स्वयं सहायता समूह के सदस्यों द्वारा बुलाई गई मीटिंग होती हैं, जिनमें गांव से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाती है, जैसे सबके लिए पीने का पानी उपलब्ध होना, राशन की दुकान, शौचालय, पेन्शन योजनाएं, प्रधान मंत्री आवास योजना, इत्यादि ।
[2] स्थानीय भाषा में पंचायत सचिव को मंत्री कहते हैं ।
लेखन: करण बछानिया
स्त्रोत: पवन नायक
फोटोग्राफी: पवन नायक
अनुवाद ( हिंदी से अंग्रेजी) : स्मृति नेवटिया
मार्गदर्शक: पिंकी ब्रह्मा चौधरी
पेज लेआउट: रोशनी चौहान