चुनिंदा मुद्दे:
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Issue 59 – श्रमदान कार्यक्रम
और पढ़ें: Issue 59 – श्रमदान कार्यक्रमखरगोन ज़िले की भगवानपुरा तहसील का एक गांव है गुलझिरी, जो लगभग 5 कि.मी. के दायरे में फैली हुई पहाड़ी श्रंखला पर स्थित है । यहां कुल 147 घर बसे हुए हैं, लेकिन रोज़गार और आमदनी की कमी के कारण अधिकांश लोग शहरों की और पलायन करते हैं । इन ग़रीब क्षेत्रों में विकास लाने के लिए…
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Issue 58 – निरंतर प्रयास से मिला रोज़गार
और पढ़ें: Issue 58 – निरंतर प्रयास से मिला रोज़गारखरगोन ज़िले की पलासी पंचायत के चिकलवास गांव की महिलाएं बहुत समय से पंचायत से काम की मांग कर रही थीं | गांव के लोगों को दिहाड़ी मजदूरी के काम की बहुत ज़रूरत रहती है, क्योंकि यहां के अधिकांश लोग या तो सीमांत किसान हैं, या भूमिहीन खेतिहर मजदूर । इन दोनों श्रेणियों के लोग जीवित रहने के…
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Issue 57 – कटहल महोत्सव
और पढ़ें: Issue 57 – कटहल महोत्सवहाल ही में 13 जून को उदयनगर तहसील के ग्राम पंचायत पिपरी के सीता माता मन्दिर परिसर में एक-दिवसीय कटहल महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गयाl इसमें भाग लेने वालों में अधिकतर लोग स्वयं सहायता समूहों और हिस्सेदारी सभा के सदस्य थे l समाज प्रगति सहयोग ( एसपीएस ) संस्था के उदयनगर कार्य-क्षेत्र के स्वास्थ्य…
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Issue 56 – गर्मी से मिली बच्चों को राहत
और पढ़ें: Issue 56 – गर्मी से मिली बच्चों को राहतबच्चों और गर्भवती महिलाओं में स्वास्थ्य और पोषण की वर्तमान स्थिति में सुधार लाने के लिए समाज प्रगति सहयोग संस्था के पात्रता, स्वास्थ्य एवं पोषण कार्यक्रम के कार्यकर्ताओं के काम का एक पहलू है कि वे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ घर-घर जाकर गांवों में बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य का उचित सर्वेक्षण करते रहें। हाल ही में ऐसे एक…
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Issue 55 – अब गांव में ही बनने लगी बकरियों के लिए दवा और पूरक आहार
और पढ़ें: Issue 55 – अब गांव में ही बनने लगी बकरियों के लिए दवा और पूरक आहारपशुओं के लिए आयुर्वेदिक औषधि और पौष्टिक आहार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बागली प्रगति समिति के पशुधन कार्यक्रम ने अप्रैल 2024 को बावड़ीखेड़ा गांव में एक आयुर्वेदिक औषधि केंद्र की स्थापना की है। बागली जनपद पंचायत (विकासखंड) के गांवों में अधिकतर लोग बकरी पालन करके अपनी आजीविका चलाते हैं। आमतौर पर यह देखा गया…
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Issue 54 -मुर्गी शेड
और पढ़ें: Issue 54 -मुर्गी शेडनिर्मदी कास्देकर मेलघाट, महाराष्ट्र, के धारणी शहर से 28 कि.मी. दूर गौवलंडोह गांव की रहने वाली हैं। उनके परिवार में कुल 6 सदस्य हैं – उनके पति, एक बेटा, बहु, और दो पोते। निर्मदी बाई घर के कार्य के साथ-साथ उनकी तीन एकड़ ज़मीन पर खेती करने में पति और बेटे को मदद करती हैं। समय के साथ…
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Issue 53 -आंगनवाड़ी: सीख, ख़ुशी, और देखभाल के केंद्र
और पढ़ें: Issue 53 -आंगनवाड़ी: सीख, ख़ुशी, और देखभाल के केंद्रग्राम कोदबार बुजुर्ग की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता राधा सोलंकी बताती हैं कि दो बच्चियां वहां की आंगनवाड़ी में नियमित रूप से आया करती थीं, लेकिन उन्होंने पाया कि 15 दिनों से उनका आना बंद हो गया है । क्योंकि समाज प्रगति सहयोग (एस पी एस) का स्वास्थ्य और पोषण कार्यक्रम आंगनवाड़ी केंद्र के अलग-अलग पहलुओं की गुणवत्ता का ख़याल रखते हुए…
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Issue 52 -राशन दुकान: समस्या का समाधान
और पढ़ें: Issue 52 -राशन दुकान: समस्या का समाधानबागली प्रगति समिति (स्वयं सहायता समूहों का स्थानीय संघ) के ग्राम बेहरी में राशन वितरण को लेकर पिछले कई सालों से यह समस्या हो रही थी, कि राशन विक्रेता शराब पीकर नशे की हालत में राशन दुकान चलाता था [1] । माह में आधे से ज़्यादा दिन दुकान खोलता ही नहीं था, ऊपर से दो से तीन माह के राशन का…
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Issue 51 – मनरेगा मजदूरी पाने के लिए कलेक्टर को रोका
और पढ़ें: Issue 51 – मनरेगा मजदूरी पाने के लिए कलेक्टर को रोकाबागली से क़रीब 12 कि.मी. दूर ग्राम पंचायत डांगराखेड़ा है l इस पंचायत में तीन गांव आते हैं – बोरी, बजरंगढ़ और डांगराखेड़ा, जिनमें गरीब आदिवासी परिवार निवास करते हैं l अपने जीवनयापन के लिए ये खेतों में मजदूरी करते हैं, या फिर काम की तलाश में गुजरात, महाराष्ट्र के लिये पलायन l डांगराखेड़ा गांव में समाज प्रगति सहयोग…
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Issue 50 – गांव के पशुओं के स्वास्थ्य के लिए महिलाएं बनीं “पशु-सखी”
और पढ़ें: Issue 50 – गांव के पशुओं के स्वास्थ्य के लिए महिलाएं बनीं “पशु-सखी”खरगोन ज़िले के नगर परिषद भीकनगांव के आस-पास के (लगभग 15 से 20 कि.मी. की दूरी पर) गांवों में रहने वाली कुछ महिलाएं “पशु-सखी” कार्य करने के लिए तैयार हुई हैं । अगस्त 2023 में समाज प्रगति सहयोग के ‘पशुधन विकास कार्यक्रम’ के कार्यकर्ता अर्जुन मोरे प्रशिक्षण के लिए लखनऊ गोट ट्रस्ट गए थे । वहीं अपने इलाके…